कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाने की मोदी सरकार की घोषणा को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि संविधान जैसे पवित्र शब्द के साथ ‘हत्या’ शब्द को जोड़ना बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर का अपमान है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने पिछले 10 वर्षों में हर दिन ‘संविधान हत्या दिवस’ ही तो मनाया है और हर गरीब व वंचित तबके से उनका आत्मसम्मान छीना है।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में लिखा, ‘‘नरेन्द्र मोदी जी, पिछले 10 वर्षों में आपकी सरकार ने हर दिन “संविधान हत्या दिवस” ही तो मनाया है। आपने देश के हर गरीब व वंचित तबके से हर पल उनका आत्मसम्मान छीना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब मध्य प्रदेश में बीजेपी नेता आदिवासियों पर पेशाब करता है, या जब यूपी के हाथरस की दलित बेटी का पुलिस जबरन अंतिम संस्कार कर देती है …तो वो संविधान की हत्या नहीं तो और क्या है? जब हर 15 मिनट में दलितों के खिलाफ एक बड़ा अपराध घटता है और हर दिन 6 दलित महिलाओं के साथ बलात्कार होता है…तो वो संविधान की हत्या नहीं तो और क्या है?’
खड़गे ने सवाल किया कि जब अल्पसंख्यकों पर ग़ैरक़ानूनी ‘‘बुलडोज़र न्याय’’ का प्रकोप होता है, जिसमें 2 वर्षों में ही 1.5 लाख घरों को तोड़कर 7.38 लाख लोगों को बेघर बनाया जाता है तो वो संविधान की हत्या नहीं तो और क्या है? उन्होंने कहा, ‘‘जब मणिपुर पिछले 13 महीनों से हिंसा के चपेट में है और आप वहां कदम तक रखना नहीं पंसद करते…तो वो संविधान की हत्या नहीं तो और क्या है?’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी के मुंह से संविधान की बातें अच्छी नहीं लगती।
खड़गे ने दावा किया, ‘‘बीजेपी-आरएसएस-जनसंघ ने संविधान को कभी नहीं माना। क्या ये सच नहीं है कि आरएसएस के मुखपत्र ‘ऑर्गनाइजर’ ने 30 नवंबर, 1949 के अंक में संपादकीय में लिखा था कि “भारत के इस नए संविधान की सबसे बुरी बात यह है कि इसमे भारतीय कुछ भी नहीं है”।’’ उन्होंने सवाल किया कि क्या यहां आरएसएस साफ तौर पर भारतीय संविधान के मुख्य निर्माता बाबासाहेब डॉ अंबेडकर जी के विरोध में और मनुस्मृति के समर्थन में नहीं खड़ी हुई?