देश के पहाड़ी राज्यों से लेकर कई मैदानी राज्यों में रविवार से मॉनसून का असर दिखने लगा। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में तो भारी बारिश लोगों के लिए आफत लेकर आई है। हिमाचल के शिमला के रामपुर में तो बादल फट गया, जिसकी बाढ़ में कई बीघा फसल बह गई और कई घर तबाह हो गए। सरपारा गांव में बनी 14 मेगावाट की ग्रीनको प्रोजेक्ट की पेनस्टॉक लाइन पानी के तेज बहाव से क्षतिग्रस्त हो गई। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में भारी बारिश के चलते सोनप्रयाग में केदारनाथ यात्रा रोकनी पड़ी है।
वहीं पहाड़ों के अलावा, राजधानी दिल्ली, हरियाणा, मुंबई समेत कई राज्यों और शहरों में मौसम की यह करवट मुसीबत के साथ प्रचंड गर्मी से राहत लेकर आई। दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश से कई जगह सड़कें पानी से भर गईं। गुरुग्राम में दिल्ली-जयपुर हाईवे पानी में डूब गया। हरियाणा के पंचकूला के खड़क मंगोली के पास एक महिला की गाड़ी नदी में बह गई। वहीं, मुंबई में सड़कों पर भारी जलभराव देखा गया। यहां के घाटकोपर में एक बंगले का कुछ भाग बारिश के चलते गिर गया, जिसके मलबे के नीचे दबने से दो लोगों की मौत हो गई। वहीं गुजरात और बंगाल के कई इलाकों में भी बारिश हुई है।
इधर हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से अचानक बाढ़ आने का खतरा पैदा हो गया है। मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश में अगले 24 घंटों के लिए अचानक बादल फटने के चलते बाढ़ के खतरे का अलर्ट जारी किया है। चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, शिमला, सिरमौर और मंडी जिलों में भारी बारिश जारी रहने की आशंका है। प्रदेश में लगातार बारिश के चलते निचले इलाकों में अचानक बाढ़ आने की संभावना बढ़ गई है। फिलहाल भारी बारिश के चलते राज्य भर में कई जगह सड़कों पर आवाजाही रुक गई है।