नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि वह उच्च सदन में राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) का विषय उठाना चाहते थे, लेकिन सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें अपमानित करने के लिए जानबूझकर नजरअंदाज किया।
खड़गे ने यह दावा भी किया कि विपक्ष के प्रति सभापति का व्यवहार सौतेला था। गौरतलब है कि नीट-यूजी से जुड़ी कथित अनियमितताओं, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की ‘नाकामी’ और पेपर लीक से जुड़े मुद्दों पर विपक्षी सदस्य आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद से ही चर्चा कराने की मांग कर रहे थे।
बाद में खड़गे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘गत सात वर्षों में 70 पेपर लीक हुए हैं, करोड़ों युवाओं से मोदी सरकार ने विश्वासघात किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम नीट घोटाले पर नियम 267 के तहत सदन में चर्चा कर पीड़ित लाखों युवाओं की आवाज़ उठाना चाहते थे। इसलिए लोगों की समस्या पर ध्यान आकर्षित करने के लिए हमने एक विशेष चर्चा के लिए कहा। हम किसी को परेशान नहीं करना चाहते थे। हम केवल छात्रों के मुद्दों को उठाना चाहते थे, लेकिन उन्होंने (सभापति ने) इसका मौका नहीं दिया, इस पर ध्यान ही नहीं दिया।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष के प्रति उनका आज का व्यवहार सौतेला था।