इस्लामाबाद:पाकिस्तान में रविवार को प्रेसिडेंट आरिफ अल्वी के एक ट्वीट से अजीब तरह का संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है और यह इस मुल्क के इतिहास में पहली बार हुआ। अल्वी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- मैंने ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट और आर्मी अमेंडमेंट बिल को मंजूरी नहीं दी है। मेरे स्टाफ ने मेरे साथ धोखाधड़ी की है।
इमरान खान के करीबी दोस्त अल्वी की पोस्ट से सियाली बवाल मच गया। इससे कई सियासी और संवैधानिक सवाल भी पैदा हो गए। मसलन, अब इन दो बिलों का क्या होगा? क्या प्रेसिडेंट हाउस का स्टाफ उनका हुक्म टाल सकता है? क्या प्रेसिडेंट झूठ बोल रहे हैं? इस हरकत का फायदा किसको होगा? और सबसे बड़ी बात- क्या अल्वी ने यह चाल इमरान को बचाने के लिए चली है?
पाकिस्तान की संसद के निचले सदन (नेशनल असेंबली) ने इस महीने की शुरुआत में ये दोनों बिल पास किए। बाद में इन्हें ऊपरी सदन यानी सीनेट के पास भेजा गया। वहां कुछ सवाल उठे और बदलाव को कहा गया। स्पीकर ने दोनों बिल स्टैंडिंग कमेटी के पास भेज दिए। बदलाव के बाद बिल पास हो गए।