भोपाल :मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव में बड़े-बड़े वादे करके सत्ता में आई बीजेपी के लिए अब वक्त है उसे पूरा करने का, लेकिन राज्य की आर्थिक स्थिति को देखते हुए यह थोड़ा मुश्किल लगता है। इधर मध्य प्रदेश पर बढ़ते कर्ज और नई सरकार के गठन के साथ ही कई योजनाओं पर कटौती की तलवार लटक गई है। वित्त विभाग ने कई विभागों को योजनाओं को आगे बढ़ने से पहले अनुमति लेने की निर्देश जारी कर दिए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार पर लगभग साढ़े तीन लाख करोड़ का कर्ज है और आगामी समय में संचालित योजनाओं के लिए उसे और कर्ज की जरूरत है। ऐसी स्थिति में कई योजनाओं को गति से चला पाना आसान नजर नहीं आ रहा है।
लिहाजा वित्त विभाग ने वर्तमान स्थिति को देखते हुए सभी विभागों को राजस्व संग्रहण का लक्ष्य हासिल करने का तो निर्देश दिया ही है, साथ ही कई विभागों की योजनाओं पर वित्तीय रोक लगा दी गई है।
सूत्रों की मानें तो वित्त विभाग ने नगरीय प्रशासन विभाग की कई योजना सहित धार्मिक न्यास एवं धर्मस्य विभाग की योजनाओं पर वित्तीय रोक लगा दी है। इसका असर सीधे तौर पर महाकाल परिसर विकास योजना, मेट्रो ट्रेन के अलावा तीर्थ दर्शन योजना पर पड़ने का अनुमान है, वहीं बगैर अनुमति के राशि खर्च न करने की भी हिदायत दी गई है।