देहरादून: उत्तराखंड में जंगलों में लगी आग डराने वाली है। सैटेलाइट की तस्वीरों से साफ होता है कि गढ़वाल में 150 और कुमाऊं के जंगलों में 500 से ज्यादा जगहों पर आग लगी हुई है। रिपोर्टों से पता चलता है कि इस आग में अब तक छह लोगों की जान जा चुकी है जिनमें 65 साल की महिला भी शामिल है। अल्मोडा के सिद्ध दूनागिरी मंदिर में तीर्थयात्री अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे थे क्योंकि मंदिर के बरामदे में आग की तेज लपटें उठ रही थीं।
साल 2000 में जब उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड एक राज्य बना, तब इसका 65 प्रतिशत भाग वन क्षेत्र था जिसमें से 42 प्रतिशत घने जंगलों में आता था। पिछले 23 साल राज्य के लिए विनाशकारी साबित हुए हैं क्योंकि लगातार लग जाने वाली जंगल की आग के कारण 44,518 हेक्टेयर भूमि जलकर खाक हो गई और 11,649 हेक्टेयर वन भूमि पर अतिक्रमण हो गया।
इस साल की आग खास तौर पर विनाशकारी रही है क्योंकि यह दिसंबर से ही भड़क रही है। इन आग से राज्य को पहले ही कई सौ हेक्टेयर भूमि का नुकसान हो चुका है जिसमें सबसे ज्यादा नुकसान नैनीताल, हलद्वानी और रामनगर जिलों में हुआ। इससे पहाड़ी राज्य की पारिस्थितिकी को कितना नुकसान हुआ, इसका हिसाब-किताब लगाना मुश्किल है।