दिल्ली के जवाहर भवन में रविवार को राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार समारोह का आयोजन हुआ। समारोह में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रो. सिद्धार्थ शास्त्री और कांग्रेस नेता पवन कुमार बंसल समेत कई गणमान्य हस्तियों ने शिरकत की। समारोह में वनस्थली यूनिवर्सिटी को साल 2020-2021 के राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इस मौके पर समारोह को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार उन लोगों और संस्थानों को दिए गए हैं जिन्होंने शांति, साम्प्रदायिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता को आगे बढ़ाने में विशेष योगदान दिया है। ये विषय हमेशा प्रासंगिक रहे हैं और आगे भी रहेंगे। ऐसे समय में ये और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है जब अलगाव, नफ़रत, कट्टरता, पक्षपात की राजनीति को बढ़ावा देने वाली शक्तियां अधिक सक्रिय होती हैं, उन्हें सत्ता का समर्थन प्राप्त होता है।
सोनिया गांधी ने कहा कि राजीव गांधी महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध थे। 1988 में जब वे देश के प्रधानमंत्री थे, तब पहली बार भारत सरकार ने उनकी राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक उन्नति के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण से योजना जारी की थी। यही नहीं, उन्होंने पंचायतों और नगरपालिकाओं में भी महिलाओं के लिए एक-तिहाई आरक्षण के लिए भी दिलो-जान से संघर्ष किया और लड़ाई लड़ी। अगर आज 15 लाख से अधिक चुनी हुई महिला प्रतिनिधि ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों में हैं तो ये उनकी दूरदर्शिता और दृढ़ संकल्प का सर्वोच्च सम्मान है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि वर्ष 1989 के संसदीय चुनाव में पहली बार 18 साल के युवाओं, जिनमें आधी महिलाएं थीं, को वोट देने का अधिकार दिया गया और ये ऐतिहासिक योगदान था।