जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश का कहर जारी है। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग सहित अन्य जमीनी मार्गों पर भूस्खलन और बारिश के कारण सड़कों के हिस्से बह जाने के कारण उन्हें बंद कर दिया गया, जिससे कश्मीर घाटी देश के बाकी हिस्सों से कट गई है। वहीं हिमाचल प्रदेश मानसून प्राकृतिक आपदाओं से बेहाल और यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से दिल्ली पर भीषण बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ जैसी स्थिति के कारण शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए हैं, सामान्य जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है और व्यापार ठप हो गया है। अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को हिमाचल प्रदेश के कुल्लू ज़िले में भूस्खलन के कारण दो मकान ढह गए, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और छह लोग मलबे में दब गए। एनडीआरएफ की एक टीम ने एक महिला समेत तीन लोगों को मलबे में से निकाला और एक शव बरामद किया।
कुल्लू के उपायुक्त तोरुल एस रविश ने बताया कि पिछले तीन-चार दिनों से जारी बारिश के कारण कई जगहों पर भूस्खलन हुआ। उनके मुताबिक, अखाड़ा बाज़ार क्षेत्र में मलबे के नीचे दबे छह लोगों की तलाश जारी है, तीन लोगों को निकाल लिया गया है और एक शव बरामद हुआ है। उन्होंने कहा कि बारिश से बचाव कार्य में बाधा आ रही है।
हिमाचल के राज्य आपात परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार राज्य में कुल 1,292 सड़कें बंद हैं जिनमें से 294 मंडी, 226 कुल्लू, 216 शिमला, 204 चंबा और 91 सिरमौर ज़िले में हैं।स्थानीय मौसम विज्ञान केंद्र ने शुक्रवार और शनिवार को राज्य के कुछ स्थानों पर मेघगर्जन और बिजली कड़कने के साथ बारिश की आशंका को लेकर ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है। हिमाचल में अब तक बारिश से जुड़ी घटनाओं और सड़क हादसों में कम से कम 343 लोगों की मौत हो चुकी है और 43 लोग लापता हैं। इस मानसून में अब तक राज्य को 3,690 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।