दिल्ली पुलिस ने अदालतों में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की गवाही के लिए एक नया सर्कुलर जारी किया है। इस सर्कुलर के तहत अब पुलिसकर्मियों को वर्चुअल तरीके से गवाही देने की अनुमति नहीं होगी, और उन्हें अदालतों में शारीरिक रूप से उपस्थित होकर ही अपनी गवाही दर्ज करानी होगी।यह आदेश दिल्ली पुलिस आयुक्त की मंजूरी से जारी किया गया है और इसे विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध), देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने लागू किया है।
चार सितंबर को दिल्ली के उपराज्यपाल कार्यालय ने एक नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसके तहत पुलिस अधिकारियों को अदालतों में वर्चुअल तरीके से गवाही देने की छूट दी गई थी। इस फैसले के खिलाफ दिल्ली के वकील विरोध में उठ खड़े हुए थे।
उनका मानना था कि वर्चुअल गवाही से न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित होगी, क्योंकि शारीरिक रूप से उपस्थित गवाह से जिरह करना और पारदर्शिता बनाए रखना आसान होता है। वकीलों ने आरोप लगाया कि इससे न्याय प्रणाली कमजोर पड़ेगी और अभियुक्तों को निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार प्रभावित हो सकता है।
इस आदेश के विरोध में वकीलों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया था, जिसके कारण दिल्ली की जिला अदालतों में कामकाज ठप हो गया। कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई भी स्थगित कर दी गई। वकील लगातार उपराज्यपाल और पुलिस अधिकारियों से इस नोटिफिकेशन को वापस लेने की अपील कर रहे थे।