राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चली लंबी चर्चा का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जवाब नहीं दिये जाने पर नाराजगी जताते हुए कांग्रेस सहित विपक्ष के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। विपक्षी सदस्यों ने पीएम द्वारा जवाब नहीं देने को उच्च सदन का अपमान बताया और इसके विरोध में बहिर्गमन किया।
उच्च सदन में पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर करीब 16 घंटे तक चली विशेष चर्चा का जवाब देने के लिए पीएम मोदी की जगह गृह मंत्री अमित शाह के खड़े होने पर विपक्षी सदस्यों ने इस बात को लेकर हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक सदन में जवाब दिया तो वह उच्च सदन में जवाब देने के लिए क्यों नहीं आए?
विपक्ष का कहना था कि लोकसभा की ही तरह राज्यसभा में भी चर्चा का जवाब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देना चाहिए। अपनी इसी मांग को लेकर विपक्षी सांसदों ने जमकर नारेबाजी की। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि यह कहीं भी तय नहीं किया गया था कि प्रधानमंत्री इस मामले पर सदन में चर्चा का जवाब देंगे। नारेबाजी कर रहे विपक्षी सांसद अपने स्थानों से खड़े होकर आगे आ गए।
इस दौरान नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सदन की यह पहले से ही मांग थी कि चर्चा के उपरांत प्रधानमंत्री सदन में जवाब देंगे। नेता प्रतिपक्ष खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री से हमारे कई सवाल हैं, चर्चा के दौरान यह सवाल पूछे गए हैं। प्रधानमंत्री यहां हैं, इसके बावजूद वह सदन में जवाब देने के लिए नहीं आए। यह सदन का अपमान है। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर आयोजित विशेष चर्चा का जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री को आना चाहिए। जब यह मांग नहीं मानी गई तो नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उन्हें हर बार टोका जाता है।