नई दिल्लीमोदी सरकार एकबार फिर से विपक्ष के निशाने पर आ गई है। विपक्ष ने वन नेशन वन इलेक्शन की चर्चा को हिंडनबर्ग रिपोर्ट 2.0 के असली मुद्दे से भटकाने का तरीका बताया है।
आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार को ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर केंद्र के कदम का विरोध करते हुए कहा कि यह सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए है। आईएएनएस से बात करते हुए दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह और कुछ नहीं बल्कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट 2.0 के असली मुद्दे से ध्यान भटकाने का तरीका है। “मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि यह हिंडनबर्ग रिपोर्ट 2.0 के वास्तविक मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए सिर्फ एक डिबेट है।
भारद्वाज ने आईएएनएस से कहा, “केंद्र सरकार इंडिया ब्लॉक की बढ़ती लोकप्रियता और पदचिह्नों से डरी हुई है और इस सत्र में समय से पहले चुनाव कराने पर जोर दे सकती है।
उधर एक राष्ट्र, एक चुनाव पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, “यह केवल संविधान में संशोधन से संभव नहीं है, इसके लिए राज्यों को स्वीकृति देनी होगी। जो बीजेपी शासित राज्य हैं- जैसे हरियाणा, महाराष्ट्र वहां उन्हें बस एक प्रस्ताव पारित करना है और विधानसभा भंग हो जाएगी।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर बनी कमेटी का अध्यक्ष बनाए जाने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया नियमों और परंपराओ से चलती है… लेकिन अपना कार्यकाल पूरा कर चुके राष्ट्रपति सरकार के प्रति जवाबदेह हो या सरकार द्वारा गठित किसी कमेटी के अध्यक्ष बने हो ऐसा मुझे याद नहीं आता है। आखिर क्यों?