केंद्र की ओर से संसदीय सीटों के प्रस्तावित परिसीमन के बीच तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके ने शनिवार को राज्यों की पहली संयुक्त कार्रवाई समिति की बैठक आयोजित की जिसमें मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने स्पष्ट किया कि इस मामले में कानून का भी सहारा लिया जा सकता है। वहीं केरल के सीएम पिनराई विजयन ने मुद्दे को संकीर्ण राजनीतिक हितों से प्रेरित करार दिया।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने बैठक को संबोधित करते हुए राजनीतिक और कानूनी कार्ययोजना तैयार करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का समर्थन किया। उन्होंने समिति का नाम ‘निष्पक्ष परिसीमन के लिए संयुक्त कार्रवाई समिति’ रखने का प्रस्ताव रखा और राजनीतिक लड़ाई को आगे बढ़ाने के साथ ही कानून का सहारा लेने पर भी विचार मांगे।
स्टालिन ने कहा, ‘‘हम परिसीमन के खिलाफ नहीं हैं, हम निष्पक्ष परिसीमन के पक्ष में हैं। अधिकार बने रहें, इसके लिए निरंतर कार्रवाई बहुत जरूरी है।’’ जेएसी के बारे में उन्होंने कहा कि लोगों में जागरूकता पैदा करने, केंद्र से आग्रह के लिए संयुक्त कार्रवाई समिति बहुत जरूरी है। स्टालिन ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन पर अगली बैठक तेलंगाना के हैदराबाद में होगी।
बैठक में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार बिना किसी परामर्श के इस मुद्दे पर आगे बढ़ रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि लोकसभा सीटों के परिसीमन की तलवार लटक रही है। उन्होंने कहा, ‘‘अचानक उठाया गया यह कदम संवैधानिक सिद्धांतों या लोकतांत्रिक अनिवार्यताओं से प्रेरित नहीं है बल्कि संकीर्ण राजनीतिक हितों से प्रेरित है।’’
विजयन ने कहा, ‘‘अगर जनगणना के बाद परिसीमन किया जाता है तो उत्तरी राज्यों की सीटों में बढ़ोतरी होगी, जबकि दक्षिणी राज्यों की सीटों में कमी आएगी। दक्षिण के लिए सीटों में कटौती और उत्तर के लिए सीटों में बढ़ोतरी बीजेपी के लिए फायदेमंद होगी क्योंकि उत्तर में उसका प्रभाव अधिक है।