मुंबई:मुंबई में एक बड़ा राजनीतिक विवाद तब शुरू हो गया, जब एक मराठी महिला ने आरोप लगाया कि उसे हाल ही में उपनगरीय मुलुंड में गुजराती बहुल बिल्डिंग सोसायटी में कार्यालय खरीदने से जबरन रोक दिया गया। महिला और सोसायटी के सदस्यों के बीच मारपीट का वीडियो सामने आने पर मुलुंड पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है और मामले की जांच कर रही है।
वीडियो बुधवार का है, जिसमें तृप्ति देवरुखकर दिख रही हैं, जो शहर के उत्तर-पूर्वी उपनगरीय इलाके मुलुंड स्थित शिव सदन में एक कार्यालय के लिए जगह देखने गई थीं। वीडियो क्लिप में तृप्ति फूट-फूट कर रो रही हैं और अपना अनुभव बयां कर रही हैं कि एक बुजुर्ग व्यक्ति के नेतृत्व में गुजराती समाज के कुछ सदस्यों ने यह कहते हुए उनकी बोली रोक दी थी कि “नियमों के अनुसार, इस सोसायटी में मराठियों को आने की अनुमति नहीं है”।
तृप्ति का आरोप है कि जब नियम दिखाने के लिए कहा, तो उन्होंने इनकार कर दिया और उनसे झगड़ने लगे। तृप्ति जब झगड़े की रिकॉर्डिंग कर रही थीं तो उनका मोबाइल छीन लिया गया और उनके साथ मारपीट की गई। झगड़े में बुजुर्ग व्यक्ति की मदद के लिए दो और लोग वहां पहुंच गए। डरी हुईं तृप्ति देवरुखकर ने कहा, “उन्होंने मुझे खुलेआम धमकी दी। चौंकाने वाली बात यह है कि वहां एक भी महाराष्ट्रीयन मेरी मदद के लिए नहीं आया।
तृप्ति देवरुखकर ने दबी हुई आवाज़ में कहा, “यह भयानक है। मुंबई और महाराष्ट्र में एक मराठी के साथ ऐसी घटना हो रही है और कोई भी हमारे लिए नहीं बोलता है। अगर हम यहां कार्यालय नहीं ले सकते तो क्या हमें गुजरात जाना चाहिए?” मुलुंड पुलिस ने तृप्ति देवरुखकर की शिकायत के आधार पर बुधवार की देर रात बुजुर्ग व्यक्ति, सोसायटी के अन्य सदस्यों प्रवीण ठक्कर व उनके बेटे नीलेश ठक्कर के खिलाफ शिकायत दर्ज की और उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया।