नई दिल्ली: राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रपति के अभिभाषण को ‘घोर निराशाजनक’ और केवल ‘सरकार की तारीफों के पुल बांधने वाला’ करार देते हुए कहा कि इसमें न तो कोई दिशा है और ना ही कोई दृष्टि है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान खड़गे मोदी सरकार पर जमकर बरसे। खड़गे ने कहा कि विपक्ष नीट पेपर लीक, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर बोलना चाहता है लेकिन पीएम मोदी मंगलसूत्र और मुजरा की बात करते हैं।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि इसी राज्यसभा में प्रधानमंत्री ने छाती ठोक कर विपक्ष को ललकारते हुए कहा था कि एक अकेला सब पर भारी… लेकिन मैं यह पूछना चाहता हूं एक अकेले पर आज कितने लोग भारी हैं, चुनावी नतीजे ने दिखा दिया है… दिखा दिया है कि देश का संविधान और देश की जनता सब पर भारी है। लोकतंत्र में अहंकारी ताकतों को जगह नहीं है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, प्रजातंत्र में प्रजा ही मालिक है। देश के इतिहास में यह पहला चुनाव था, जिसमें संविधान की रक्षा मुद्दा बना। बीजेपी ने 400 पर का नारा दिया और उसके कई नेताओं ने तो यहां तक कहा कि बीजेपी संविधान बदलेगी।
खड़गे ने कहा कि इस वजह से ‘इंडिया’ गठबंधन को संविधान बचाने की मुहिम चलानी पड़ी। उन्होंने कहा, जनता ने यह महसूस किया कि बाकी मसले आते जाते रहेंगे पर संविधान बचेगा तभी लोकतंत्र रहेगा और चुनाव भी होंगे और हम और आप यहां बैठेंगे। इस लड़ाई में नागरिकों ने विपक्ष का साथ दिया। गरीबों, किसानों, मजदूरों, पीड़ितों, शोषितों और महिलाओं ने हमारा सबका साथ दिया और लोकतंत्र को बचाने का बचाने का बहुत बड़ा काम किया।