नई दिल्ली:जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने कतर पर इजरायली हमले की निंदा की है। मीडिया को जारी एक बयान में जमाअत अध्यक्ष ने कहा, “कतर के दोहा में एक आवासीय इमारत पर कायरतापूर्ण और आपराधिक इजरायली हमले पर जमाअत-ए-इस्लामी हिंद कड़ा रोष व्यक्त करती है। यह राजकीय आतंकवाद से कम नहीं है। कतर की संप्रभुता, अंतर्राष्ट्रीय कानून और मानवीय शालीनता के सभी सिद्धांतों का घोर उल्लंघन हुआ है। हमले में जानबूझकर उन नेताओं को निशाना बनाया गया जिनके साथ वार्ता चल रही थी। यह इजरायल के विश्वासघाती पैटर्न को उजागर करता है: एक हाथ से बातचीत करना और दूसरे हाथ से हत्याएं और हिंसा करना। इस तरह का छल न केवल शांति प्रयासों को विफल करता है, बल्कि कूटनीति प्रयास का भी उपहास है।”
सैयद सआदतुल्लाह ने आगे कहा, “इज़राइल ने बार-बार अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं और कानूनी मानदंडों को रौंदा है। कतर में यह हमला केवल उकसावे वाली कार्रवाई नहीं है – यह वैश्विक कानून की निरंतर अवहेलना और फिलिस्तीन की सीमाओं से परे युद्ध फैलाने के उसके निर्भीक प्रयास का हिस्सा है। इस तरह के प्रत्येक कृत्य से इजरायल यह प्रदर्शित करता है कि वह एक दुष्ट राज्य है और विश्व शांति के लिए एक गंभीर खतरा है। लगभग दो वर्षों से इजरायल ने गाजा, लेबनान, सीरिया, यमन, ईरान और पश्चिमी तट पर नरसंहार अभियान जारी रखे हुए है – जिसमें निर्दोष लोगों की हत्या की जा रही है और मध्य पूर्व को अस्थिर किया जा रहा है। अब कतर जो एक तटस्थ मध्यस्थ की भूमिका में था को भी हिंसा के अपने रंगमंच में घसीटकर, इजरायल ने दिखा दिया है कि कोई भी देश उसके आक्रमण से सुरक्षित नहीं है। अमेरिका के पूर्ण समर्थन से ही वह इस तरह की दंड-मुक्त कार्रवाई कर रहा है। उसकी सहभागिता उसे इन अपराधों के लिए समान रूप से जिम्मेदार बनाती है।”
जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष ने कहा, “हम कतर के लोगों और नेतृत्व के साथ पूर्णरूप से एकजुट हैं। विश्व को अंततः इस सच्चाई का सामना करना होगा कि इजरायल न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघनकर्ता है; बल्कि वह संप्रभुता का लगातार उल्लंघन कर रहा है तथा समकाल में शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को निर्णायक रूप से कार्रवाई करनी चाहिए – इजरायल को अपराधों के लिए दंडित किया जाना चाहिए, नरसंहार को रोका जाना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विश्वासघात और आक्रामकता का यह चक्र समाप्त हो ।