जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के कटरा में वैष्णो देवी मार्ग पर हुए विनाशकारी भूस्खलन पर गहरा दुख और एकात्मता व्यक्त की है।
मीडिया को जारी अपने बयान में प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने कहा, “हम अर्धकुंवारी के निकट हुए भारी भूस्खलन के कारण हुई त्रासिक जनहानि पर अपनी हार्दिक संवेदना और दुख व्यक्त करते हैं। भारी बारिश के कारण आई इस आपदा में कई निर्दोष लोगों की जान चली गई, कई अन्य घायल हो गए तथा तीर्थयात्रियों के परिवारों और स्थानीय निवासियों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा। ऐसी आशंका है कि कुछ लोग अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है। हम केंद्र और राज्य सरकारों से आग्रह करते हैं कि वे तत्काल बचाव, राहत और पुनर्वास के लिए त्वरित, समन्वित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करें।”
जमाअत उपाध्यक्ष ने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और स्थानीय स्वयंसेवकों की त्वरित तैनाती तथा उनके अथक प्रयासों की सराहना की। उन्होंने लापता लोगों को बचाने के लिए अभियान में तेजी लाने और घायलों को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर बल दिया।उन्होंने कहा, “कटरा के लोगों को इस त्रासदी में खुद को अकेला महसूस नहीं करना चाहिए। देश भर के नागरिकों को इस कठिन समय में उनके समर्थन में एकजुट होना चाहिए।”
प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने दीर्घकालिक तैयारी के महत्व पर भी जोर दिया।”सरकार को भूस्खलन, अचानक बाढ़ और इसी तरह की आपदाओं के लिए एक व्यापक आपदा प्रबंधन रणनीति अपनानी चाहिए, जिसमें जीवन की हानि को कम करने के लिए स्पष्ट रूप से परिभाषित मानक संचालन प्रक्रियाएँ हों। हम प्रभावित परिवारों के दीर्घकालिक पुनर्वास को सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष राहत पैकेज की भी अपील करते हैं।