नई दिल्ली:हरियाणा और पंजाब की सीमा पर आंदोलन कर रहे किसानों ने चौथे दौर की वार्ता के बाद सरकार की ओर से मिले प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। किसान नेताओं ने प्रस्ताव के किसानों के पक्ष में नहीं होने का आरोप लगाते हुए 21 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च करने का ऐलान किया है। शंभु बॉर्डर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसानों के फैसले का ऐलान करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि दोनों किसान मंचों की चर्चा के बाद ये तय हुआ है कि विश्लेषण करने पर सरकार के प्रस्ताव में कुछ भी नहीं है। ये किसानों के पक्ष में नहीं है। हम इसे खारिज करते हैं।
जगजीत सिंह डल्लेवाल ने 5 साल के लिए एमएसपी पर दाल, मक्का, कपास की खरीद के केंद्र के प्रस्ताव को खारिज करने के किसान संघों के फैसले पर कहा कि सरकार के प्रस्ताव (एमएसपी गारंटी पर) को स्वीकार न करने का कारण यह है कि उन्होंने बैठक के दौरान कहा था कि वे देश की सभी फसलें खरीदेंगे, लेकिन बाहर प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बिल्कुल अलग बात कही। इसका मतलब यह है कि यह किसानों के साथ एक तरह का अन्याय। उन्होंने कहा कि दालों पर एमएसपी सुनिश्चित करने के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। लेकिन हमारे विशेषज्ञ ने कहा कि यह पूरी तरह से गलत है, पूरी फसल 1.75 लाख करोड़ रुपये में खरीदी जा सकती है। 21 फरवरी के लिए हम सरकार से शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन (दिल्ली तक मार्च) करने का अनुरोध करते हैं।
पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि केंद्र चर्चा में कुछ और कहता है और बाहर प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए कुछ और कहता है। हमने कोई प्रस्ताव नहीं दिया है। हम 21 फरवरी को सुबह 11 बजे दिल्ली की ओर बढ़ेंगे। पंढेर ने 21 फरवरी को दिल्ली मार्च करने की उनकी योजना पर कहा कि हम सरकार से अनुरोध करेंगे कि वे शक्तिशाली हैं और हम किसान हैं। हमारी लंबी चर्चा हुई, अब एक शांतिपूर्ण समाधान निकाला जाना चाहिए।