झारखंड में मॉनसून 19 जून को दाखिल हुआ तो लोगों को गर्मी से राहत तो मिली, लेकिन इसके साथ ही आसमान से मौत की बिजलियां गिरने का सिलसिला शुरू हो गया। पिछले तीन दिनों में वज्रपात की डेढ़ दर्जन से ज्यादा घटनाओं में राज्य में 20 लोगों की जान चली गई है, जबकि घायलों की तादाद 50 से ज्यादा है। दरअसल, बारिश के साथ ही आसमानी बिजलियों के कहर का यह सिलसिला झारखंड के लिए बड़ी आपदा बन गया है।
भारतीय मौसम विभाग ने थंडरिंग और लाइटनिंग के खतरों को लेकर देश के जिन छह राज्यों को सबसे संवेदनशील के तौर पर चिन्हित किया है, झारखंड भी उनमें एक है। आसमानी बिजली का कहर झारखंड के लिए एक बड़ी आपदा है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार बीते वर्ष यानी 2021-22 में झारखंड में वज्रपात की 4 लाख 39 हजार 828 घटनाएं हुई हैं। इसके पहले 2020-21 में राज्य में लगभग साढ़े चार लाख बार वज्रपात हुआ था। 2020-21 में वज्रपात से 322 मौतें दर्ज की गईं।