उत्तराखंड के कई इलाकों में मंगलवार को भी भारी बारिश का सिलसिला जारी है, जिससे आपदा प्रभावित क्षेत्रों में हालात और बिगड़ गए हैं। उत्तरकाशी जिले में रात भर लगातार बारिश हुई, जिसमें हर्षिल और धराली क्षेत्र भी शामिल हैं। तेज बारिश के कारण भागीरथी नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर के ऊपर पहुंच गया है। सोमवार देर रात प्रशासन ने अनाउंसमेंट कर लोगों से अपील की कि वे सुरक्षित इलाकों में शरण लें।
धराली में मंगलवार सुबह तक रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू नहीं हो पाया। मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। हर्षिल घाटी में करीब एक घंटे तक हुई मूसलाधार बारिश ने खीर गंगा का जलस्तर भी बढ़ा दिया, जिससे प्रभावित गांवों के लोग घबराकर दूसरी पहाड़ियों पर जा पहुंचे। इन इलाकों में पानी का बहाव तेज होने से जमीन धंसने और भूस्खलन का खतरा भी बढ़ गया है।
धराली आपदा को अब एक सप्ताह बीत चुका है, लेकिन लापता लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। प्रशासन ने 42 लोगों के लापता होने की पुष्टि की है, जबकि मलबे से एक शव बरामद हुआ है। हालांकि, स्थानीय लोगों और चश्मदीदों का दावा है कि आपदा के समय 100 से ज्यादा लोग मौजूद थे, जो मलबे में दफन हो गए। शुरुआती दिनों में प्रशासन ने केवल 15 लापता लोगों की जानकारी दी थी, लेकिन अब संख्या लगभग तीन गुना हो चुकी है।
लापता लोगों में सेना के 9 जवान, धराली गांव के 8, पास के गांवों के 5, टिहरी जिले के 1, बिहार के 13 और उत्तर प्रदेश के 6 लोग शामिल हैं। इसके अलावा नेपाल मूल के 29 मजदूरों के लापता होने की भी सूचना है। संचार सेवाएं बहाल होने के बाद इनमें से 5 मजदूरों से संपर्क हुआ है, लेकिन बाकी 24 के बारे में ठेकेदारों से कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।