भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रही महिला पहलवानों में से एक ओलंपिक में देश के लिए पदक लाने वाली साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान ने वीडियो जारी कर आंदोलन को लेक कई बड़े खुलासे किए हैं। इस वीडियो में साक्षी और उनके पति ने प्रदर्शन के हर पहलू के बारे में विस्तार से बताया है।
वीडियो में सत्यव्रत कादियान ने बताया कि आरोप लगाया जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी के नेता दीपेंद्र हुड्डा के कहने पर पहलवानों ने आंदोलन की शुरुआत की थी, जो कि सच नहीं है। उन्होंने बताया कि आंदोलन के लिए बीजेपी नेता बबीता फोगाट और तीर्थ राणा ने परमिशन ली थी। इसके बाद उन्होंने इसके परमिशन की कॉपी भी अपने वीडियो में दिखाई।
साक्षी के पति ने कहा कि हमें मालूम भी नहीं था कि नई संसद का उद्घाटन होने वाले है, उन्होंने कहा कि 28 मई को होने वाली महिला महापंचायत का फैसला भी हमने नहीं बल्कि खाप पंचायत में लिया गया था। सत्यव्रत ने कहा कि हम हरिद्वार गए और हमने अपने मेडल अपने परिवार वालों और कोच को वापस किए। वहां क्या हो रहा था हमें नहीं पता। हम आंदोलनकारी नहीं है, हमें अनुभव नहीं है। हमें समझ नहीं आ रहा था कि कौन हमारे साथ है कौन हमारे खिलाफ है।
सत्यव्रत ने वीडियो में आगे बताया कि महिला पहलवानों के साथ गलत व्यवहार किया जा रहा था, इसके खिलाफ हमलोग आवाज उठाना चाह रहे थे, लेकिन एकता की कमी के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा था। उन्होंने बताया कि हमलोगों ने पहले भी इसके खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश की थी, लेकिन बात रेसलिंग फेडरेशन के प्रेसिडेंट तक पहुंच जाती थी और उस खिलाड़ी के करियर का बर्बाद करने की कोशिश होती थी। हमने सबसे बार-बार कहा है कि हमारी लड़ाई सरकार के खिलाफ नहीं है। हमारी लड़ाई सिर्फ बृजभूषण सिंह से हैं क्योंकि अध्यक्ष पद पर रहते हुए उन्होंने काफी गलत काम किए हैं।