आतंकवाद के पनाहगार पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना के हमले के बाद बुधवार को देश भर में मॉक ड्रिल किया गया। इस दौरान देश के विभिन्न राज्यों के बड़े शहरों में ब्लैकआउट देखने को मिला। ‘ऑपरेशन अभ्यास’ के तहत शाम चार बजे से शुरू हुए इस अभ्यास में हवाई हमलों, ब्लैकआउट और निकासी जैसी आपातकालीन घटनाओं के दौरान प्रतिक्रिया का आकलन किया गया।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में देर शाम मॉक ड्रिल के तहत सायरन बजने के बाद नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक, राष्ट्रपति भवन, संसद भवन और इंडिया गेट की लाइटें कुछ देर के लिए बंद कर दी गईं। दिल्ली में रात 8 से 8.15 बजे तक ‘ब्लैक आउट’ रखा गया। एनडीएमसी के एक अधिकारी ने कहा कि सरकारी कार्यालयों और दूतावास वाले क्षेत्रों में ‘ब्लैक आउट’ रखा गया लेकिन अस्पतालों, मेट्रो स्टेशन, राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में यह अभ्यास नहीं किया गया। कई मशहूर बाजार और सार्वजनिक स्थान जैसे- कनॉट प्लेस, खान मार्केट और चांदनी चौक स्थित टाउन हॉल में अंधेरा छा गया और आमतौर पर देर रात तक जगमगाने वाले इलाकों में कुछ समय के लिए गतिविधियां रुक गईं। इससे पहले दिन में राष्ट्रीय राजधानी के 55 स्थानों पर मॉक ड्रिल किया गया।
महाराष्ट्र के मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल और दक्षिण मुंबई के क्रॉस मैदान में ‘मॉक ड्रिल’ की गयी। छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल पर 26 नवंबर 2008 को आतंकियों ने हमला किया था। टर्मिनल पर राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के कर्मियों ने अलग-अलग और संयुक्त सुरक्षा अभ्यास किया। मुंबई पुलिस ने बताया कि जीआरपी और रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) ने विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर रूट मार्च, गश्त और जांच की। यह अभ्यास अपराह्न करीब तीन बजे शुरू हुआ और करीब एक घंटे तक जारी रहा। दक्षिण मुंबई के क्रॉस मैदान में ठीक शाम चार बजे एक सायरन बजा, जिसके बाद ‘मॉक ड्रिल’ के हिस्से के रूप में हवाई हमले के दौरान नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन दल और चिकित्सकों की टीम ‘घायलों’ को बचाने के लिए दौड़ पड़ीं।
पंजाब में कई स्थानों पर राष्ट्रव्यापी अभ्यास के तहत ‘मॉक ड्रिल’ की गयी। प्रदेश के फिरोजपुर, लुधियाना, अमृतसर, बठिंडा, गुरदासपुर, होशियारपुर, पटियाला, पठानकोट, बरनाला और मोहाली में आग लगने और अन्य आपात स्थितियों में बचाव कार्यों का अनुकरण करने वाली ‘मॉक ड्रिल’ की गई। केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में भी इस अभ्यास का असर देखने को मिला। चंडीगढ़ प्रशासन की तरफ से 10 मिनट का ब्लैकआउट किया गया। 7:30 से 7:40 तक हुए ब्लैकआउट के दौरान पंजाब-हरियाणा सचिवालय, पंजाब-हरियाणा विधानसभा और पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट समेत शहर की तमाम इमारतों और घरों की लाइटें बंद नजर आईं। इस दौरान लोगों का पूरा समर्थन मिला।