पटना:मंगलवार को एक बड़े फैसले के तहत राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में लगातार दूसरे साल बड़े पैमाने पर किए गए ट्रांसफर को रद्द किया गया है। जिन 497 अफसरों का ट्रांसफर रद्द किया गया है, उनका इसी साल जून में स्थानांतरण किया था। इनमें डीसीएलआर, अंचल अधिकारी, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, चकबंदी पदाधिकारी, राजस्व अधिकारी, राजस्व अधिकारी सह कानूनगो स्तर के अफसर शामिल हैं। ट्रांसफर रद्द करने की बड़ी वजह विभागीय मंत्री आलोक मेहता और आलाधिकारियों द्वारा स्थानीय विधायकों की अनुशंसा को नहीं माना जाना बताया जा रहा है।
मुख्यमंत्री सचिवालय स्तर पर बात पहुंचने के बाद कई तरह की आपत्तियों को देखते हुए विभाग ने अधिसूचना जारी कर सभी ट्रांसफर को रद्द कर दिया है। 2022 में तत्कालीन मंत्री राम सूरत राय के कार्यकाल में भी 186 सीओ स्तर के अधिकारियों का ट्रांसफर रद्द कर दिया गया था। वहीं वर्ष 2020 में तत्कालीन मंत्री राम नारायण मंडल के कार्यकाल में भी बड़े पैमाने पर हुए ट्रांसफर को रद्द करना पड़ा था।
ट्रांसफर रद्द करने के पांच कारण बताए गए हैं: 1. विभागीय मंत्री व आलाधिकारी द्वारा स्थानीय विधायकों की अनुशंसा को नहीं माना जाना। 2. ट्रांसफर में निर्धारित तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा नहीं होना। 3. जूनियर अधिकारी के अधीन सीनियर अधिकारी को बैठा देना। 4. बड़े पैमाने पर अंचल अधिकारियों का बदला जाना। 5. मुख्यमंत्री सचिवालय तक जब बात पहुंची तो ट्रांसफर को रद्द कर दिया गया।