बिहार में चुनाव से महज कुछ दिन पहले शुरु हुए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ ‘इंडिया’ गठबंधन के नेता बुधवार को निर्वाचन आयोग पहुंचे और अपनी चिंताओं से अवगत कराते हुए अपना विरोध दर्ज कराया। हालांकि कई घंटों के इंतेजार के बाद चुनाव आयुक्तों से हुई मुलाकात में आयोग के तरफ से कोई ठोस जवाब नहीं मिला।
मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) लिबरेशन समेत 11 दलों के नेताओं ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और अन्य चुनाव आयुक्तों से मुलाकात की और राज्य में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले किए जा रहे विशेष पुनरीक्षण को लेकर आपत्ति जताई।
मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग के उस नए निर्देश का भी विरोध किया, जिसमें आयोग से मुलाकात के लिए केवल पार्टी अध्यक्षों को ही इजाजत देने की बात की गई है। सिंघवी ने कहा, “पहली बार, हमें चुनाव आयोग में प्रवेश के लिए नियम बताए गए। पहली बार हमें बताया गया कि केवल पार्टी प्रमुख ही आयोग जा सकते हैं। इस तरह के प्रतिबंध का मतलब है कि राजनीतिक दलों और चुनाव आयोग के बीच आवश्यक संवाद नहीं हो सकता”
सिंघवी ने कहा, “हमने (संवाद के लिए) एक सूची दी थी, किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को अनुमति नहीं दी गई थी। पार्टियों को केवल दो लोगों को अधिकृत करने के लिए मजबूर करना दुर्भाग्यपूर्ण है।” उनके अनुसार, कुछ वरिष्ठ नेताओं को तीन घंटे तक इंतजार करना पड़ा। हमें कुछ नियम बताए गए और कहा गया कि हर पार्टी से सिर्फ 2 लोग ही अंदर जाएंगे- जिस