चुनाव आयोग ने बिहार के लिए जारी अंतिम यानी फाइनल वोटर लिस्ट से 68.5 लाख वोटरों के नाम काट दिए हैं। मंगलवार को जारी की गई अंतिम मतदाता सूची में कुल 7.42 करोड़ वोटरों के नाम हैं जो कि 24 जून 2025 को उपलब्ध 7.89 करोड़ मतदाताओं वाली सूची से 6 फीसदी कम हैं। बिहार में किए गए विशेष पुनरीक्षण यानी एसआईआर की घोषणा और तमाम विवादों और आलोचनाओं के बाद चुनाव आयोग ने यह नतीजा सामने रखा है।
चुनाव आयोग के मुताबिक ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में 65 लाख वोटरों के नाम डिलीट यानी काटे गए सुची में शामिल गिए थे, इसके बाद भी 3.66 लाख और वोटरों के नाम काटे गए हैं। इसके अलावा 21.53 लाख नए वोटर सूची में जोड़े गए हैं। इस तरह बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए कुल 7.42 करोड़ वोटर हैं। चुनाव आयोग का दावा है कि यह जानकारी और आंकड़े आज (30 सितंबर, 2025) को जिला अधिकारियों की राजनीतिक दलों के साथ हुई बैठक में साझा की गई।
याद दिला दें कि चुनाव आयोग ने 24 जून 2025 को देश भर में मतादाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षिण यानी एसआईआर कराने का ऐलान किया था, लेकिन इसकी शुरुआत बिहार से कर दी गई जहां नवंबर माह में चुनाव होने वाले हैं। एसआईआर के दौरान पहले से मतदाता सूची में मौजूद 7.89 करोड़ मतदाताओँ को नए सिरे से फार्म भरना था और ऐसे जरूरी कागजात जमा कराने थे जिससे उनकी नागरिकता साबित हो और वोटर बनने के लिए योग्यता साबित हो।
चुनाव आयोग ने बिहार के लिए 1 अगस्त 2025 को ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल यानी प्रारूप मतदाता सूची जारी की, जिसमें 65 लाख वोटरों के नाम काट दिए गए थे। आयोग का कहना था कि बीएलओ (बूथ स्तर के चुनाव अधिकारी) की रिपोर्ट के आधार पर इन 65 लाख वोटरों में ऐसे लोग थे जो या तो स्थाई तौर पर राज्य से बाहर चले गए थे, या एक से अधिक जगह पर उनके नाम वोटर लिस्ट में था या फिर उनका कोई अता-पता नहीं मिला। इसके बाद बचे हुए 7.24 करोड़ लोगों के नाम वोटर लिस्ट में पाए गए थे। हालांकि बाद में भी तमाम नाम जोड़े या घटाए गए थे।