राजधानी दिल्ली में यमुना में आई बाढ़ के बीच नई समस्या आ गई है। बाढ़ के कारण जलमग्न हुए इलाकों से लोगों को राहत शिविरों में तो स्थानांतरित कर दिया गया है, लेकिन अब बाढ़ प्रभावित ये लोग बुखार, चकत्ते और ‘फंगल इंफेक्शन’ की शिकायत लेकर चिकित्सकों के पास पहुंच रहे हैं। हालांकि, राहत शिविरों में दवाइयां वितरित की जा रही हैं और नियमित स्वास्थ्य जांच की जा रही है। चिकित्सा शिविर के साथ-साथ राहत शिविर के बाहर एक एम्बुलेंस भी तैनात है।
कश्मीरी गेट के पास सर्वोदय विद्यालय में स्थापित शिविरों में लगभग 322 लोग शरण लिये हुए हैं। वे पहले यमुना बाजार राहत शिविर में शरण लिये हुए थे, जिसे बाढ़ के कारण खाली कराना पड़ा। शिविर में सेवा दे रहे एक चिकित्सक ने ‘पीटीआई’ को बताया कि फिलहाल बीमारियों का कोई बड़ा प्रकोप नहीं है और स्थिति नियंत्रण में है। हालांकि, उन्होंने बताया कि बाढ़ के पानी के संपर्क में आने से खुजली, त्वचा में जलन और हल्के संक्रमण के कई मामले सामने आए हैं।
बाढ़ का पानी और निकासी के दौरान लंबे समय तक भीगने की वजह से बच्चे और बुजुर्गों को खास तौर पर समस्याएं आ रही हैं। शिविरों में रह रहे कई अभिभावकों ने बताया कि छह से सात साल से कम उम्र के बच्चों को हल्का बुखार और शरीर पर चकत्ते हैं। राहत शिविर में रह रही 60 वर्षीय पूजा ने बताया कि उनके पांच साल के पोते को पिछले दो दिनों से हल्का बुखार है।उन्होंने बताया, ‘‘पहले उसे हल्की खुजली हुई, लेकिन पिछले दो दिन में उसे हल्का बुखार भी हो गया और कल रात हमें उसे जीटीबी अस्पताल ले जाना पड़ा।’’
एक अन्य महिला, शिवानी ने बताया कि उनके दो साल के बेटे को बुखार है और साथ में उल्टी भी हो रही है। उन्होंने कहा कि मेडिकल टीम की तरफ से दवाइयां दी गई हैं। महिलाओं और बुजुर्गों को खुजली और त्वचा संक्रमण की समस्या हो रही है। बाढ़ के पानी में भीगने के कारण कई लोग चकत्तों और जलन की शिकायत कर रहे हैं।