नई दिल्ली: हरियाणा में हजारों सरकारी चिकित्सक बृहस्पतिवार को हड़ताल पर चले गए, जिससे सरकारी अस्पतालों में बाह्य चिकित्सा विभाग (ओपीडी) के सामने लंबी कतारें देखने को मिली और स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित हुईं। मरीजों ने शिकायत की कि इंटर्न और सेवानिवृत डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं। राज्य में सरकारी चिकित्सकों का प्रतिनिधित्व करने वाले ‘हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन’ ने अपनी विभिन्न मांगें पूरी न होने पर इस हड़ताल का आह्वान किया है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राजेश ख्यालिया ने कहा, ”राज्य भर में विभिन्न सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं।” उन्होंने कहा कि इस हड़ताल में सिविल अस्पताल, उपजिला अस्पताल, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं।ख्यालिया ने कहा कि ओपीडी, आपात चिकित्सा और पोस्टमार्टम पर भी असर पड़ा है। यह हड़ताल जब शुरू हुई, उससे पहले इसमें करीब 3000 चिकित्सकों के शामिल होने की संभावना थी।
डॉ. राजेश ख्यालिया सहित एसोसिएशन के चार सदस्यों ने बुधवार को पंचकूला में स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक के कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की।चिकित्सकों की अन्य मांगों में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों की सीधी भर्ती नहीं किया जाना तथा स्नातोकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए बॉण्ड राशि में कमी लाना शामिल हैं।