नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने आज आईएमए की याचिका पर योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को एलोपैथिक दवाइयों को लेकर जारी भ्रामक विज्ञापनों पर कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद को भविष्य में ऐसे विज्ञापन से बचने की चेतावनी देते हुए नहीं मानने पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की वार्निंग दी है। मामले की अगली सुनवाई अब पांच फरवरी 2024 को होगी।
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने एलोपैथिक दवाइयों के खिलाफ भ्रामक विज्ञापन को लेकर पतंजलि को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उसे भविष्य में इस तरह के भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने से बचना चाहिए। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इसी तरह के भ्रामक विज्ञापनों का प्रसारण जारी रहेगा तो उन पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लग सकता है।
अदालत ने कहा कि पतंजलि को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह प्रेस में इस तरह के बयान देने से दूरी बनाकर रखें। कोर्ट ने निर्देश दिया कि पतंजलि आयुर्वेद भविष्य में ऐसा कोई विज्ञापन प्रकाशित नहीं करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि प्रेस में उसकी ओर से इस तरह के बयान नहीं दिए जाएं। साथ ही कोर्ट ने इस मुद्दे को एलोपैथी बनाम आयुर्वेद की बहस नहीं बनाने की भी हिदायत दी।