नई दिल्ली:पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली की मांग को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए देश भर के हजारों सरकारी कर्मचारी रविवार को राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में जुटे। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के तत्वावधान में आयोजित ‘पेंशन शंखनाद महारैली’ का आयोजन मौजूदा राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के बजाय पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के उद्देश्य से किया गया।
रैली के आयोजकों ने मीडियाकर्मियों से कहा कि चार राज्य पहले ही ओपीएस लागू करने की घोषणा कर चुके हैं तो केंद्र इसे लागू क्यों नहीं कर सकता। देश के विभिन्न हिस्सों से हजारों सरकारी कर्मचारियों ने रामलीला मैदान में रैली में हिस्सा लिया। महाराष्ट्र के पुणे से आए जितेंद्र ने कहा कि देश में 2004 से और महाराष्ट्र में 2005 से पुरानी पेंशन योजना बंद है। हमें एनपीएस (नई पेंशन योजना) नहीं चाहिए, हमें यह शेयर बाजार योजना नहीं चाहिए। संविधान भी कहता है कि पुरानी पेंशन हमारा अधिकार है।
यह रैली तब आयोजित की जा रही है, जब केंद्र सरकार इस साल मार्च में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को चुनने का एकमुश्त विकल्प लेकर आई थी। कार्मिक मंत्रालय की एक अधिसूचना के अनुसार, जो कर्मचारी 22 दिसंबर 2003, जिस दिन एनपीएस अधिसूचित किया गया था, से पहले विज्ञापित या अधिसूचित पदों पर केंद्र सरकार की सेवाओं में शामिल हुए, वे केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 (अब 2021) के तहत पुरानी पेंशन योजना में शामिल होने के लिए पात्र हैं। सरकारी कर्मचारियों का चुनिंदा समूह 31 अगस्त, 2023 तक इस विकल्प को चुन सकता है।