पटना:बिहार के कई वैज्ञानिकों ने चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग में अहम भूमिका निभाई। अब इस दिन को यादगार बनाने के लिए दो माता-पिता ने लैंडिंग के कुछ समय बाद जन्मे बेटों के नाम रखे हैं प्रज्ञान और विक्रांत।
मिशन मून यानी चंद्रयान 3 की ऐतिहासिक सफलता को हर भारतवासी जीवनभर याद रखना चाहता है। इसके लिए हर कोई अपने-अपने तरीके से इस सफलता की याद को संजो कर रख रहा। ऐसा ही एक उदाहरण बिहार के सीतामढ़ी जिले में देखने को मिला। यहां बच्चे को जन्म देते ही माता-पिता ने उसका नाम चंद्रयान मिशन से जोड़ दिया। चंद्रयान के इक्यूपमेंट पर इसका नाम रख दिया। एक परिवार ने अपने बच्चे का नाम प्रज्ञान रखा और दूसरे ने विक्रांत। प्रज्ञान और विक्रांत की चर्चा हर जगह हो रही है।
परिजनों को मानें तो चंद्रयान 3 की सफलता को पूरी जिंदगी याद रखने के लिए सीतामढ़ी सदर अस्पताल में प्रसूति वार्ड में 23 अगस्त की रात में जन्म लेने वाले कई बच्चों के माता पिता ने अपने नवजात का नाम चंद्रयान से जोड़ दिया। नवजात के पिता गौतम कुमार ने बताया कि ऐतिहासिक क्षण को जीवन भर याद रखने के लिए और अपने वतन पर गर्व करने के लिए पैदा हुए बच्चों का नाम चंद्रयान 3 अभियान से जोड़कर रखा गया है। उन्होंने बताया कि चंद्रयान ने जिस दिन चंद्रमा पर अपना कदम रखा उसी रात पुत्र ने जन्म लिया। इस लिए उसका नाम विक्रांत जो कि चंद्रयान का अंग है, उसके नाम पर रखा।
वहीं देश दुनिया मे चंद्रयान -3-के सफल परीक्षण करने वाले वैज्ञानिकों की टीम में शामिल वैज्ञानिक रवि कुमार के सीतामढ़ी के पुपरी स्थित उनके घर पर जश्न का माहौल देखने को मिल रहा है। तीन दिन बीत जाने के बाद भी लोग बधाई देने के लिए लगातार उसके घर पर पहुंच रहे है। रवि की मां मधुबाला चौधरी और उनके पिता अरुण कुमार से इशरो में हुए उस ऐतिहासिक क्षण की बाते और फोटो देख रहे हैं।