मोदी सरनेम मानहानि केस में राहुल गांधी ने बुधवार यानी 2 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि कानूनी प्रकिया का दुरुपयोग हुआ है। उन्होंने कहा कि माफी मांगने से मना करने पर मुझे अहंकारी कहा गया। ये निंदनीय है।
राहुल ने आगे कहा कि मानहानि केस में उन्हें अधिकतम सजा दी गई है। इसके चलते संसद सदस्यता चली गई। पूर्णेश मोदी खुद मूल रूप से मोदी समाज के नहीं हैं। ऐसे में उन्हें सजा नहीं मिलनी चाहिए।
दरअसल, 21 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार और सूरत के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी को मामले में जवाब देने के लिए कहा था। इस पर पूर्णेश मोदी ने कोर्ट में 21 पेज का हलफनामा दायर करते हुए कहा कि मोदी सरनेम केस में राहुल का रवैया अहंकारी है। उनकी याचिका खारिज कर देनी चाहिए।
राहुल गांधी ने 2019 में मोदी सरनेम को लेकर एक बयान दिया था। इसके खिलाफ भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी। मामले में सूरत कोर्ट ने राहुल को 2 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी सांसदी चली गई थी।
सजा के खिलाफ राहुल सूरत सेशन कोर्ट और गुजरात हाईकोर्ट भी गए थे, लेकिन वहां से उन्हें राहत नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने 15 जुलाई को सजा पर रोक लगवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। वहीं, पूर्णेश मोदी ने भी कोर्ट से अपील की थी कि उन्हें सुने बिना फैसला नहीं दिया जाए। इस मामले में अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी।