संसद के मानसून सत्र का सोमवार (31 जुलाई) को 8वां दिन था। दोनों सदनों में मणिपुर मुद्दे पर हंगामा हुआ। राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने मुद्दे पर अल्पचर्चा की मंजूरी दे दी, लेकिन सदन में हंगामा जारी रहा। धनखड़ ने अपने ऑफिस में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कुछ मंत्रियों से भी बात की, ताकि सदन में गतिरोध दूर किया जा सके।
राज्यसभा में सुबह मणिपुर मुद्दा उठा तो सरकार ने कहा कि हम इस पर आज ही चर्चा को तैयार हैं। दोपहर 2 बजे इस पर चर्चा हो। राज्यसभा सांसद पीयूष गोयल ने कहा- विपक्ष चर्चा से भाग रहा है, वो सच को सामने नहीं आने दे रहा। विपक्षी सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर अड़ गए।
2 बजे जब सदन शुरू हुआ तो सभापति ने मणिपुर पर अल्पचर्चा को मंजूरी दे दी, लेकिन हंगामा जारी रहा। इसके बाद सदन की कार्यवाही पहले 2.30 बजे और फिर 3.30 बजे तक स्थगित कर दी गई। 3.30 के बाद जब राज्यसभा शुरू हुई तो भी हंगामा जारी रहा, इसके बाद अगले दिन (1 अगस्त) 11 बजे तक सदन स्थगित हो गया।
लोकसभा में भी आज मणिपुर मुद्दे पर हंगामा हुआ। 11 बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि मलावी का डेलिगेशन भारत आया है। वे सदन की कार्यवाही देखने आए हुए हैं। हम उनका स्वागत करते हैं।
जैसे ही बिड़ला की स्पीच खत्म हुई, विपक्षी सांसदों ने मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सदन में बयान देने की मांग की। विपक्षी सांसदों ने वेल में आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। हालांकि इन सबके बावजूद प्रश्नकाल जारी रहा। इस दौरान 15 मिनट ही कार्यवाही चली और हंगामे के चलते बिड़ला ने 2 बजे तक सदन स्थगित कर दिया।
2 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर फिल्म पाइरेसी रोकने के लिए लाया गया सिनेमैटोग्राफ अमेंडमेंट बिल पास हो गया। ये बिल राज्यसभा में पहले ही पास हो गया था। इसके बाद हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।