कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई कार्य समिति की शनिवार को बैठक होगी, जिसमें ‘विकसित भारत-जी राम जी अधिनियम’ के मद्देनजर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) पर चर्चा करने के साथ आगे की रणनीति तय की जाएगी।
कांग्रेस कार्यसमिति की (सीडब्ल्यूसी) यह बैठक ऐसे समय बुलाई गई है जब ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक’ अधिनियम का रूप ले चुका है।
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अपनी कार्य समिति की बैठक में मनरेगा को लेकर सरकार को घेरेने के कुछ कार्यक्रमों पर फैसला कर सकती है।
कांग्रेस का आरोप है कि इस अधिनियम के माध्यम से मनरेगा को खत्म किया गया है और योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाया जाना राष्ट्रपिता का अपमान है।
पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बीते 20 दिसंबर को कहा था कि मोदी सरकार ने मनरेगा पर बुलडोजर चला दिया है और करोड़ों किसानों, श्रमिकों एवं भूमिहीन ग्रामीण वर्ग के गरीबों के हितों पर हमला किया है।
उन्होंने यह भी कहा था कि पार्टी नए ‘काले कानून’ के खिलाफ लड़ाई को प्रतिबद्ध हैं।













