नई दिल्ली:मोदी सरकार द्वारा बुलाए गए संसद के विशेष सत्र को लेकर आज सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस संसदीय रणनीतिक समूह की बैठक हुई। इस बैठक में आगामी 5 दिन के विशेष सत्र में भाग लेने और उस दौरान संसद में उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा हुई और रणनीति तय की गई। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि आज कांग्रेस पार्टी ने फैसला किया है कि हम इस विशेष सत्र में हिस्सा लेंगे, लेकिन चर्चा जनता के मुद्दों पर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सिर्फ ‘मोदी चालीसा’ के लिए हम संसद में नहीं बैठने वाले हैं। चीन और अडानी से लेकर मणिपुर और मंहगाई से बेरोजगारी तक आम जनता से जुड़े हर मुद्दे पर हम चर्चा की मांग करेंगे।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि आज सोनिया गांधी की अध्यक्षता में और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में हमारी पार्लियामेंट्री स्ट्रेटजिक ग्रुप की बैठक हुई, जिसमें हमने देश के सामने जो महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, उन पर चर्चा की। आज ताज्जुब की बात ये है कि 18 सितंबर से संसद के विशेष सत्र की घोषणा हुई है और खुद बीजेपी ये स्पष्ट नहीं कर पा रही कि सत्र में अहम मुद्दे क्या हैं? एजेंडा क्या है? सदन देश का है, सरकार की एक जवाबदेही बनती है देश के प्रति। देश के प्रति सरकार को पारदर्शी होना चाहिए। न ये सरकार पारदर्शी है, न ये सरकार जिम्मेदार है। आज देश अंधेरे में है, जो कुछ भी सुनने में आ रहा है, मीडिया के द्वारा सुनने में आ रहा है, लेकिन वर्तमान की बीजेपी सरकार ने देश को अंधकार में रखा है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि जब कभी विशेष सत्र बुलाया जाता है, पहले से विषय की जानकारी सभी पार्टियों को होती है, पार्टियों के साथ बातचीत होती है, अलग-अलग नेताओं के साथ बातचीत होती है। एक मोटे तौर से एजेंडा तय किया जाता है और विशेष सत्र बुलाया जाता है। ये पहली बार हमें देखने को मिल रहा है कि अचानक जब ‘इंडिया’ पार्टियों की बैठक हो रही थी मुंबई में, उस बैठक से ध्यान हटाने के लिए प्रधानमंत्री और प्रधानमंत्री के वरिष्ठ सहयोगी घोषणा करते हैं कि संसद का पांच दिन का विशेष सत्र होगा।