दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद अब आम आदमी पार्टी (आप) ने अपने हमले को तीखा कर लिया है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल अब दिल्ली चुनाव में जाट आरक्षण का मुद्दा लेकर सामने आए हैं और इस आरक्षण के नाम पर उन्होंने भाजपा और केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को भेजे अपने पत्र में कहा है कि जाट समाज के साथ प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और भारतीय जनता पार्टी ने पिछले 10 साल से बहुत बड़ा धोखा किया है।
दिल्ली सरकार की एक ओबीसी लिस्ट है। इस ओबीसी लिस्ट में जाट समाज का नाम आता है। लेकिन केंद्र सरकार की ओबीसी लिस्ट में दिल्ली का जाट समाज नहीं आता है। तो दिल्ली यूनिवर्सिटी में जब बच्चे एडमिशन लेने जाते हैं तो उसमें दिल्ली के जाट समाज को रिजर्वेशन नहीं मिलता। केंद्र सरकार के किसी भी कॉलेज में या यूनिवर्सिटी में जाते हैं या केंद्र सरकार के किसी भी संस्था जैसे दिल्ली पुलिस या डीडीए में नौकरी लेने जाते हैं तो दिल्ली के जाट समाज को उसमें रिजर्वेशन नहीं मिलता।
उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि बड़ी दिलचस्प बात है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में जब एडमिशन लेने जाते हैं तो राजस्थान के जाट समाज को रिजर्वेशन मिलता है। लेकिन दिल्ली के जाट को कॉलेज में रिजर्वेशन नहीं मिलता। यह तो हमारे पूरे दिल्ली के जाट समाज के भाइयों और बहनों के साथ बहुत बड़ा अन्याय है। केजरीवाल ने कहा कि पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने जाट समाज के नेताओं को चार बार अपने घर बुला कर आश्वासन दिया, भरोसा दिया, वचन दिया, गारंटी दी कि दिल्ली के जाट समाज को केंद्र की ओबीसी लिस्ट के अंदर डाला जाएगा।
26 मार्च 2015 को प्रधानमंत्री मोदी जी ने दिल्ली जाट समाज के प्रतिनिधियों को अपने घर बुलाकर यह वादा किया कि केंद्र की ओबीसी लिस्ट में दिल्ली के जाट समाज को शामिल किया जाएगा। उसके बावजूद 8 फरवरी 2017 को अमित शाह ने उप चुनाव से पहले चौधरी वीरेंद्र सिंह के घर पर देश के जाट नेताओं को यह वादा किया कि जो स्टेट लिस्ट में ओबीसी जाति है उनको केंद्र की लिस्ट में जोड़ा जाएगा, फिर भी नहीं किया। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली में प्रवेश वर्मा के आवास पर अमित शाह जाट नेताओं से मिले, फिर वादा किया कि दिल्ली के जाट समाज को केंद्र की ओबीसी लिस्ट में शामिल किया जाएगा, फिर धोखा दिया, फिर नहीं किया।