देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार देर शाम दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। 92 वर्षीय मनमोहन सिंह की अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें गुरुवार रात करीब 8 बजे दिल्ली के एम्स अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया। जहां से डॉक्टरों की एक टीम ने उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया। हालांकि हालत गंभीर होने के कारण थोड़ी देर बाद उनका निधन हो गया। अधिकारियों ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री को सांस लेने में तकलीफ के बाद अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
एम्स, नई दिल्ली ने एक बयान में कहा कि अत्यंत दुख के साथ हम भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के 92 वर्ष की आयु में निधन की सूचना देते हैं। वे उम्र संबंधी बीमारियों के कारण उपचाराधीन थे और 26 दिसंबर 2024 को घर पर अचानक बेहोश हो गए थे। घर पर ही तुरंत पुनर्जीवन उपाय शुरू किए गए। उन्हें रात 8:06 बजे एम्स, नई दिल्ली के मेडिकल इमरजेंसी में लाया गया। तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका और रात 9:51 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह 2004 से लेकर 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। इस वर्ष की शुरुआत में वो राज्यसभा से रिटायर हुए, जिसके साथ ही 33 वर्षों के बाद उच्च सदन में उनकी राजनीतिक पारी समाप्त हो गई। भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जून 1991 में पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली सरकार में वित्त मंत्री के रूप में शपथ लेने के चार महीने बाद 1991 में राज्यसभा में प्रवेश किया था। उन्होंने उच्च सदन में पांच बार असम का प्रतिनिधित्व किया और 2019 में राजस्थान से राज्यसभा के लिए चुने गए।
मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को हुआ था। 1947 में विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आया था। मनमोहन सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र की पढ़ाई की थी। डॉ. मनमोहन सिंह चोटी के अर्थशास्त्री रहे हैं। देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में उनका अहम योगदान रहा है। देश में महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों का खाका तैयार करने और उन्हें लागू करने में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बड़ी भूमिका रही है।