बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने संविधान दिवस के मौके पर देश और बिहार के लोगों को बधाई दी। इस दौरान उन्होंने संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने संविधान और आरक्षण को बचाने की अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता दोहराई और केंद्र सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए।
तेजस्वी यादव ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि आज का दिन संविधान और बाबा साहब अंबेडकर को याद करने का दिन है। हम पूरी तरह से आश्वस्त करते हैं कि संविधान और आरक्षण की रक्षा के लिए हम किसी भी कीमत पर खड़े रहेंगे। उन्होंने आगे कहा कि महागठबंधन की सरकार के दौरान बिहार में आरक्षण की सीमा 70 फीसदी तक बढ़ाई गई थी। यह फैसला जाति आधारित जनगणना के आधार पर लिया गया था, जिसमें रिपोर्ट के अनुसार लगभग 85 फीसदी बहुजन समाज की आबादी थी।
तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि बीजेपी ने जाति आधारित गणना को रोकने का काम किया था और आरक्षण को लेकर उनकी योजनाओं को भी रोकने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि हमने केंद्र सरकार को सिफारिश भेजी थी कि इस मुद्दे को संविधान की 9वीं अनुसूची में डाला जाए, लेकिन केंद्र ने इस मामले में गंभीरता नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि बिहार में जाति आधारित जनगणना से यह साफ हो गया था कि यहां बहुजन समाज का बहुमत है। ऐसे में आरक्षण बढ़ाने का निर्णय लिया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने इस महत्वपूर्ण कदम को नजरअंदाज किया और कोर्ट में जाकर इसे रोकने की कोशिश की।
तेजस्वी ने कहा कि यह देश का पहला मामला था जब जाति आधारित गणना की गई और बीजेपी सरकार ने इसे नकारा। कोर्ट के आदेश के बाद यह निर्णय रद्द कर दिया गया, लेकिन बिना किसी अध्ययन के ईडब्ल्यूएस को लागू किया गया, जो सवालों के घेरे में है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी संविधान और आरक्षण के पक्ष में खड़ी है। सरकार से उनकी मांग है कि इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करते हुए एक कमेटी बनाई जाए, ताकि इसके लिए उचित संशोधन किए जा सकें।