दिल्ली उच्च न्यायालय ने धोखाधड़ी और गलत तरीके से सिविल सेवा में ओबीसी एवं दिव्यांगता कोटा का लाभ लेने के आरोप में दर्ज आपराधिक मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की पूर्व परिवीक्षा अधिकारी पूजा खेडकर को गिरफ्तारी से दी गई अंतरिम राहत बृहस्पतिवार को चार अक्टूबर तक बढ़ा दी।न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह ने उनके वकील के अनुरोध के बाद अग्रिम जमानत के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई टाल दी।
दिल्ली पुलिस के वकील ने अदालत से एक संक्षिप्त स्थगन की अनुमति का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘एक बड़ी साजिश सामने आई है’’, जिसमें जालसाजी और दस्तावेज तैयार करना शामिल है।न्यायमूर्ति सिंह ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता के वकील के अनुरोध पर, मामले को 4 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध किया जाए। अंतरिम आदेश जारी रहेगा।’’खेडकर पर आरक्षण का लाभ प्राप्त करने के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के लिए अपने आवेदन में गलत तरीके से जानकारी प्रस्तुत करने का आरोप है। उन्होंने सभी आरोपों से इनकार किया है।खेडकर के वकील ने बृहस्पतिवार को यूपीएससी के इस आरोप पर जवाब दाखिल करने के लिए अदालत से और समय मांगा कि उनकी मुवक्किल ने अपनी अग्रिम जमानत याचिका के संबंध में गलत बयान देकर झूठी गवाही दी है।