झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री चंपई सोरेन ने बुधवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। बीजेपी में शामिल होने की घोषणा कर चुके चंपई ने जेएमएम अध्यक्ष शिबू सोरेन को लिखे गए पत्र में कहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा की वर्तमान कार्यशैली और नीतियों से विक्षुब्ध होकर वह पार्टी छोड़ने को विवश हैं। उन्होंने हमेशा की तरह पत्र में शिबू सोरेन को ‘गुरुजी’ कहकर संबोधित किया है।
उन्होंने लिखा है, “अत्यंत ही दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आप के मार्गदर्शन में जिस पार्टी का सपना हम जैसे कार्यकर्ताओं ने देखा था, एवं जिसके लिए हम लोगों ने जंगलों, पहाड़ों एवं गांवों की खाक छानी थी, आज पार्टी अपनी उस दिशा से भटक चुकी है।” चंपई सोरेन ने झामुमो को अपने लिए परिवार जैसा बताते हुए कहा, “मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझे इसे छोड़ना पड़ेगा। लेकिन पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम की वजह से मुझे बहुत ही पीड़ा के साथ यह कठिन निर्णय लेना पड़ा रहा है।”
उन्होंने शिबू सोरेन से पत्र में आगे कहा है कि आपके वर्तमान स्वास्थ्य की वजह से, आप सक्रिय राजनीति से दूर हैं, तथा आपके अलावा पार्टी में ऐसा कोई फोरम नहीं है, जहां हम अपनी मन की पीड़ा को बता सकें। इस वजह से, मैं झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्राथमिक सदस्यता एवं सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं। पत्र के अंत में उन्होंने शिबू सोरेन का आभार जताते हुए लिखा, “आपके मार्गदर्शन में, झारखंड आंदोलन के दौरान तथा उसके बाद भी, मुझे जीवन में बहुत कुछ सीखने का अवसर प्राप्त हुआ है। आप सदैव मेरे मार्गदर्शक बने रहेंगे।”
बता दें कि 31 जनवरी को हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद चंपई सोरेन सीएम बनाए गए थे। फिर, करीब पांच महीने बाद जब हेमंत सोरेन जमानत मिलने पर जेल से बाहर आए तो उसके छठे दिन 4 जुलाई को ही चंपई सोरेन से सीएम पद से इस्तीफा ले लिया गया और हेमंत सोरेन ने फिर से सीएम पद की शपथ ली थी। हालांकि हेमंत सोरेन की सरकार में चंपई सोरेन मंत्री के रूप में शामिल हुए थे, लेकिन वे नाराज चल रहे थे। इसी बीच वह बीजेपी के करीब हो गए। उन्होंने 18 अगस्त को सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर कहा था कि उनसे अपमानजनक तरीके से सीएम पद से इस्तीफा लिया गया। चंपई सोरेन 30 अगस्त को औपचारिक तौर पर रांची में भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे।