नाबालिग महिला पहलवान के मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में दिल्ली पुलिस की ओर से कैंसिलेशन रिपोर्ट दाखिल की गई है। कैंसिलेशन रिपोर्ट उन मामलों में दायर की जाती है जब कोई पुष्टिकारक साक्ष्य नहीं मिलता है। मतलब यह है कि इस मामले में बृजभूषण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस को कोई सबूत नहीं मिला है। यानी दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह को क्लीन चिट दे दी है। चार जुलाई को अगली सुनवाई होगी।
दिल्ली पुलिस की पीआरओ सुमन नलवा ने कहा कि हमने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धारा 354, 354-A एवं D के अंतर्गत चार्जशीट दाखिल की है और विनोद तोमर के खिलाफ धारा 109, 354, 354 (A), 506 के तहत चार्जशीट दायर की है। हमने POCSO में शिकायतकर्ता और कथित आरोपी के बयान के तहत कैंसिलेशन रिपोर्ट दाखिल की है।
IPC की धारा 354A के तहत दर्ज केस का मतलब?
धारा 354A भारतीय दण्ड संहिता की एक धारा है जो यौन उत्पीड़न के लिए दंड प्रविष्ट करती है। यह धारा किसी महिला को अनुचित रूप से छूने, थप्पड़ मारने, उनके स्तन, या अन्य अंगों को अनुचित ढंग से छूने, गले या कमर में हाथ डालने या उन्हें किसी भी तरह से शर्मिंदा करने पर लगाई जाती है।
दिल्ली पुलिस ने दो अदालतों में चार्जशीट दाखिल की
दिल्ली पुलिस की ओर से बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 7 पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के मामले में गुरुवार को दो अदालतों में चार्जशीट दाखिल की। एक चार्जशीट 6 बालिग महिला पहलवानों की शिकायत पर दर्ज केस में रॉउज एवन्यू कोर्ट में दाखिल की गई। वहीं, दूसरी चार्जशीट पटियाला कोर्ट में नाबालिग की शिकायत पर दर्ज केस में दाखिल की गई। नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों में दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण सिंह को क्लीन चिट दे दी है।
28 अप्रैल को बृजभूषण खिलाफ दो मामले दर्ज हुए थे
दिल्ली पुलिस में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 7 महिला पहलवानों ने 21 अप्रैल को यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को बृजभूषण सिंह के खिलाफ दो मामले दर्ज किए थे। पहला मामला 6 बालिग महिला पहलवानों की शिकायत पर था। वहीं, एक मामला नाबालिग की शिकायत पर POCSO एक्ट के तहत दर्ज किया गया था। बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण का केस दर्ज कराने वाली नाबालिग महिला पहलवान ने अपना बयान बदल लिया था।