महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने अब नया दांव चला है। अब वह कैसरगंज संसदीय क्षेत्र के कर्नलगंज में 11 जून को एक बड़ा कार्यक्रम कर अपनी ताकत दिखाने की तैयारी में जुटे हैं। इसके लिए वह लोगों से अपील भी कर रहे हैं।
इसे लेकर ब्रजभूषण सिंह ने अपने ट्विटर पर लिखा- प्रिय साथियों कल 11 जून को प्रात: 9 बजे संसदीय आवास विष्णोहरपुर से तरबगंज, बेलसर, परसपुर, कर्नलगंज, वाया चौरी चौराहा होते हुए कार्यक्रम स्थल जनपद गोंडा बालपुर श्री रघुराज शरण सिंह महाविद्यालय में प्रधानमंत्री मोदी जी के कुशल नेतृत्व में सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के 9वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित विशाल रैली जनसभा में सम्मिलित होने जाते समय जो भी समर्थक, शुभचिंतक, साथी, क्षेत्रवासी, देवतुल्य कार्यकर्ता, बंधु मिलना चाहते हैं, संपर्क कर मिल सकते हैं।
बृजभूषण सिंह इन दिनों राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर की महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे हैं। इन प्रकरणों की दिल्ली पुलिस की जांच अभी चल रही है कि उत्तर भारत की खाप पंचायतों ने उनकी गिरफ्तारी के लिए अल्टीमेटम दे दिया है। मामले को जातीय रंग की ओर बढ़ता देख सरकार और बीजेपी सतर्क हो गई है। यही कारण है कि 5 जून को अयोध्या में होने वाली उनकी जन चेतना रैली को शासन-प्रशासन ने हरी झंडी नहीं दी। स्थानीय सांसद और बीजेपी संगठन का एक बड़ा हिस्सा भी वहां राजनीतिक समीकरणों के प्रभावित होने की आशंका के चलते अंदरखाने इस कार्यक्रम के विरोध में पहले से ही खड़ा था।
अब कैसरगंज (गोंडा) से सांसद बृजभूषण सिंह की ओर से करनैलगंज में रैली एलान किया गया है। घोषित तौर पर कहा जा रहा है कि बीजेपी नेतृत्व ने हर सांसद को अपने-अपने क्षेत्र में एक बड़ा कार्यक्रम करने का लक्ष्य दिया है। इसमें केंद्र की मोदी सरकार की 9 साल की उपलब्धियां बतानी हैं, लेकिन अंदरखाने माना जा रहा है कि वे इस रैली के माध्यम से क्षेत्र में अपनी पकड़ का अहसास कराएंगे।
बृजभूषण सिंह के समर्थक इस रैली को मोदी सरकार के नौ वर्षों की उपलब्धियों को जनता को बताने का कार्यक्रम बता रहे हैं। वहीं जिले के लोगों का कहना है कि सांसद बृजभूषण शरण सिंह इस रैली के माध्यम से क्षेत्र में अपनी पकड़ का अहसास कराएंगे। अयोध्या में भी वह यही करना चाहते थे। वहां का संत समाज भी उनके समर्थन में है, लेकिन बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने खाप पंचायतों की नाराजगी को देखते हुए उन्हे अयोध्या की रैली को रद्द करने पर मजबूर कर दिया था।
बृजभूषण शरण सिंह की ओर से इससे पहले अयोध्या में 5 जून को रैली बुलाई गई थी। इस रैली में अयोध्या के संतों को आमंत्रित किया गया था। बृजभूषण अपने आक्रामक अंदाज और हिंदुत्ववादी छवि के लिए जाने जाते हैं। हालांकि, अयोध्या में उन्हें रैली की इजाजत नहीं मिली। उस समय पहलवानों का प्रदर्शन उफान पर था। ऐसे में बीजेपी भी इस रैली से बचती दिख रही थी। हालांकि, अब गोंडा में रैली कर बृजभूषण अपना शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं।